सुना हे शहर मे इश्क बेवफा होने ल्गा हे!!!

सुना हे शहर मे इश्क बेवफा होने ल्गा हे,
तुमने आजमाया अपने इस इश्क को .....!
...................................................
बात शुरू होकर इश्क की खत्म ना हूई,
जब तक ये बेकरारी एक सितम ना हूई,
गुमान था खुद रास्ते बदएल जाएगे,
पर मजिले इधर उधर भी एक कदम ना हुई,
शहर मे वही चरचे हे आज भी,
हुस्न की बेवफ़ाई तो आजतक कम ना हूई,
खुद मे जीने की कोशीश थी मेरी,
मत पछू कितनी हार मेरी हरदम ना हूई !!!!
p@W@n

Comments

Popular posts from this blog

टूटे ख्वाब