इश्क का क्या, इश्क ने इश्क के बाद भी सताया हे!!!

जमाने ने अब तलक़ बेवफ़ा होना ही सीखाया हे,
कहकर, ए दीवाने तूने क्यो इतना जुल्म उठाया हे!!!

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इश्क का क्या, इश्क ने इश्क के बाद भी सताया हे,
दीवाने को हूई खबर नही उसने पाया, क्या गवाया हे

इसमे इस दीवाने की क्या खता तुम ही बोलो,
जब हुस्न ने दिल को इश्क की महफील मे बुलाया हे

दिल को जिस रग मे ढाला गया ढल गया,
इस हुस्न ने सिर्फ़ अपने मनमाफिक इबको बहलाया हे

सोचा था रास्ते ओर मजिले सब बदल जी जाएगी,
ये इश्क ,लेकर नाम इश्क का हर मोड पर आया हे!!!!!!

p@W@n





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