इल्ज़ाम वही रहे ओर अरमान वही रहे!

इल्ज़ाम वही रहे ओर अरमान वही रहे
जो मिले थे कभी निशान वही रहे!!!!!!
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आजमाते रहे जमाने वाले हरदम,
अपने गुनाह से यहा अज़ान वही रहे,

यू मोहब्बत कहा कोन करता यहा,
बस तारीफ़ करने वाले कदरदान वही रहे,
जो खुद जीये नही हमे जीना सीखाते ,
अभी भी यू मिलने वाले इन्सान वही रहे,
जो अपने थे वो तो दिल भी आज भी,
उनके लिए हम समझने मे आसान वही रहे,
कुछ खोया तो बहुत कुछ पा भी लिया,
हम बदले लेकिन हमारी उम्मीदो के आसमान वही रहे!
p@W@n

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