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Showing posts from 2016

आखो को दिखने लगा अब हर सच

अब ये सूरत बदलनी चाहिए, आग तेरे दिल मे लगे या मेरे दिल मे अब आग लगनी चाहिए, (दूषयत कुमार) आखो को दिखने लगा अब हर सच, ये झूठ ओर सच की परत अब उतरनी चाहिए, वो क्या ओकात रखते बुजदिल, मेरे मुल्क मेरे जमीर की तस्वीर निखरनी चाहीये रास्ता भी मिला मकसद भी, अब इन काफिलो की मजिल हर कदम चढ़नी चाहिए बेवजह हो गये फिदा मुल्क पर वीर, तुझे सच सुनने समझने की हिम्मत तो करनी चाहिए नफरत देखी हे मेने ये केसी मुल्क से, समझा हू उतनी तेरे सीने मे मोहब्बत बढनी चाहीये अब ये सूरत बदलनी चाहिए, आग तेरे दिल मे लगे या मेरे दिल मे अब आग लगनी चाहिए, p@W@n

कुछ अधूरा नही होता अब यहा !!!

कुछ अधूरा नही होता अब यहा, मुकम्मल होता हे दोस्ती,नफरत हो या प्यार !!! ............................................................ यू भी खुद को मत गवा यहा, खुदारी मे जीने का हर इत्जाम रख, जीना हे खुद से हर दोर मे यहा, फरक कुछ नही चाहे हाथो मे जाम रख, ये भी एक दोर हे वो भी एक था, उधार ना एक पल या एक को शाम रख, नफरत तो मिलना लाज़मी ही हे यहा, रख सके फिर भी मोहब्बत के पेगाम रख, बाजार हे वाज़िद लगता हे ये समझ, लूटा ना यू खुद को कुछ तो अपने भी नाम रख ! p@W@n

कोई शायर होगा फ़िर शायरी कही खवाब होगा !!!!!

कोई शायर होगा फ़िर शायरी कही खवाब होगा, किसी की सासो मे दफन होने को कही दिल बेताब होगा कोई सभाल के रख पायेगा यहा खुद को, अगर इन महफिलो मे वही गुलाब वही शबाब होगा वो भी चलते हे ,हम चलते हे एक उम्मीद पर, कभी कही हमारी हर कोशीशो का हिसाब होगा, सोचता हू यू उल्झे रहेगे हम हर दफा क्या, ये ज़िदगी के सवालो का कभी कही जवाब होगा मुमकिन कर सब बदलना होगा, वक्त तेरा हे जो सब बेमीसाल ओर लाजवाब होगा p@W@n

यहा जमाने को मुझे यू हराने का इरादा नापाक बन गया,

यहा जमाने को मुझे यू हराने का इरादा नापाक बन गया, एक हसीना सा दिल मे खवाब था बेवजह खाक बन गया, जब भी मेने झूठ देखा समझा जाना यहा, मेरे सच कहने का असूल ओर भी बेबाक बन गया , गिरना सभलना चलता रहा ज़िदगी हे हर दोर मे, जब भी सभला गिराना सबकी नजरो मे फिराक बन गया, ज़िदगी को सिर्फ़ इतना सा ही समझा हे मेने, बेईमानी फरेब जहा भी साथ मिले तब हर झूठ भी पाक बन गया p@W@n

ये समझदारी भी किस काम की हे यहा !

ये समझदारी भी किस काम की हे यहा, बडा ही अज़ान ओर असमझ सा रास्ता हे मेरा !!! ........................................................... चलने का जून्ँन हे अभी भी मुझमे रास्तो की खबर कहा, अब तो सिर्फ़ चाह रुककर थमकर बेठने की किसी ठिकाने पर, अजीब सी कशमकश हे ज़िदगी के इस दोर मे यहा, वही निगाहे वही अपनापन ओर ज़िदगी फिर मुकम्मएल निशाने पर, हमसे क्या पूछते हे हम क्या हे हम क्या थे, सिर्फ़ मकसद ओर बचा यही सवाल हे यहा क्या जमाने पर, जानता हू खवाब ओर हकी कत के हर एक वक्त को, ये जवानी हे ,,वो बचपना था जो निकल गया यू बहलाने पर, जाना हे अगर भूला सको तो भुला दो सबसे नफरत. यू बड़ा आसान सी ज़िदगी होगी गुजर जाये हसने हसाने पर p@W@n

सफर तो यहा सबका मूशिक्ल हे,

सफर तो यहा सबका मूशिक्ल हे, अब तक हमने सिर्फ़ नादानी मे काट दिया, ............................................ किस्मत के हवाले तुम हो हम नही, चलो वक्त को वक्त रहते बदला जाये, एक हार ने ज़िदगी की हार ना हो दोर ऐसा ना हो की खत्म हो होसला जाये , मुस्कूराहट बने हम सब चेहरो की, नफरत के ईस दोर से अब निकला जाये, चलेगे ओर अब मजिल पर रुकेगे, गिरे हे तो क्या, अब खुद से ही सभला जाये, हम सिर्फ़ हमसे हे ,हमसे थे , जो हे साथ उसके साथ ,फरक नही जो भला जाये, हम वक्त को अपनी अहमियत बताये, रुके कही पर ना,अब सिर्फ़ चला ओर चला जाये p@W@n

इश्क की वफ़ा इतनी सी मेरे शहर मे !

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इश्क की वफ़ा इतनी सी मेरे शहर मे, आज ये खाक हे ,,कल वो खाक हे उल्झन उलफन हे इस जीस्त मे, तुझे मुझे हराने की कोशीश बड़ी नापाक हे, ये तेरी केसी नफरत ले रहा हू ना जाने, शायद तुझे भी मेरी मोहब्बत की फिराक हे, चेहरो की कारिस्तानी इतनी हे बात दबी कुछ हे ओर दिल मे एक सुराक हे मै लिखूगा हर सच हर कदम, कल भी वही थी आज भी वही बात बेबाक हे

मुझे शोक हे आज भी सिर्फ़ खुद मे जीने का,

इस जमाने मे यू भी खुद को किस कदर सभाल रहा हू, सच कहता हू उतनी ही जमाने की नफरत पाल रहा हू. ................................................................. मेरे जुनून मेरा शोक देख तू मे बदला नही, मे वो नही जो आज भी सिक्को पे किस्मत उछाल रहा हू, मुझे मालूम हे मै क्या था, ओर आज क्या हू, तेरी ये महफ़िले तुझे मुबारक ,मालूम कर मै कल कीतना कमाल रहा हू मुझे शोक हे आज भी सिर्फ़ खुद मे जीने का, पर आज अफसोस बेवजह क्यू ये वक्त मे तुझमे निकाल रहा हू. जनता हू ये राहे मूशिक्ल हे ,,जमीन बजर हे , पर हर उम्मीद के दरमियान बीज आज भी मे वही डाल रहा हू, आज भले ये रग जमाने मे ढल जाएगा, क्ल की वो सादगी, सच्चाई , अच्छई मे एक मिसाल रहा हू p@w@n

एक उम्मीद हर नयी उम्मीद मे आस थी !

एक उम्मीद हर नयी उम्मीद मे आस थी, मै हर दफ़ा हारा पर टूटी कभी ना सास थी, हा मै एक शायर था कवि का कल, मुझमे जो भी बात थी वो बडी खास थी !!!!!! ..................................................... इतना भी सरल ना रहा जिदगी को यहा तक लाना, हर मोके पर यहा इस दिल की आजमाइश् थी चन्द उम्मीदो मे हम जीये के केसे, हजार खावाहिशे छूटी , फिर भी खवाहिश थी, जो लोग यहा मेरा पता पूछने आये थे , उन्हे खुद की मालूम ना हुई पेदाइश् थी, क्या बदला अगर देखु जमाने मे आज, कल भी वही आज भी वही नुमाईश थी यहा दिल किन पर सभाले गये हे, बस वो आखे ,जुलफे ओर कुछ ल्फ़सो की फरमाइश् थी

ये शहर मुझसे मेरी ओकात पूछता हे,

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ये शहर मुझसे मेरी ओकात पूछता हे, मुझे छोटा समझ बखान अपने कद का बहुत आसान हुआ आज मुझे खुद को समझना, यू केसे नादान समझ छीन लिया हिस्सा मेरी जद का मे खुद मे रहा जब तक महफूज था, बड़ा बेदर्द था वो नजारा उस पार सरहद का वो भी चला सब बड़ा सरल समझ कर, आसान तुझे भी नही चेहरा पहचानना अपने हमदर्द का यहा सब कसूर जानाब अपना रहा खुद का, ये किस्सा रहा हे हद से वफादारी की ज़िद का p@W@n

क्या पता यहा फ़िर इश्क मिल जाये

क्या पता यहा फ़िर इश्क मिल जाये, सुना हे इस शहर मे तनहा बहुत हे !! ................................................. .......... जीने की वजह मुझमे मोज़ूद होती,, अग्रर ज़िदगी वफादार थोडी खुद होती आर पार का हर किस्सा ही यहा तो, काश मालूम हमे भी एक सरहद होती, सभाल कर रख लेते खुद को, इस बेकारी मे बस कुछ तो हद होती यू भी केसे रुह खोते यहा, खुद की हिफ़ाजत सिर्फ़ मकसद होती वो इश्क हमेशा एक मिसाल देता, सिर्फ़ ये तेरी सच्चाई तेरा वज़ूद होती !!! p@W@n

मै सिर्फ़ कभी दिन ,कभी रात का session प्रिये !!

मै सिर्फ़ कभी दिन ,कभी रात का session प्रिये , हर दम बढाता किसी का escalation प्रिये, तुम हर ज़िदगी को भाता fashion प्रिये, तुम हो हर दिल का True emotion प्रिये, केसे होगा तुम ही बताओ अपना मेल प्रिये, तुम बनायी गयी खुदा की खुबसूरत दिन हसीन रात प्रिये,, तुम हो खवाब ,तुम हो मकसद ,,तुम हो सोगात प्रिये मै सिर्फ़, हा मे हा रखता , इतनी ओकात प्रिये, मेरे सिर्फ़ restarting mode के हालात प्रिये   केसे होगा तुम ही बताओ अपना मेल प्रिये, मै सिर्फ़ बनकर रह गया unix की "ps" command प्रिये तुम एक हसीन खवाब , हर दिल की सिर्फ़ "yes" command प्रिये केसे होगा तुम ही बताओ अपना मेल प्रिये, ‪#‎ JustITworking‬ p@W@n