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Showing posts from May, 2017

तेरी बेवफाई

तेरी बेवफाई तेरे इस इश्क के दरमियान जिंदा रहू मैं , तु ही बता, हे क्या ऐसा भी तुझमे , यु फ़िदा रहू मैं ,

यू बातो की बात मत करो ,जरा सुनो

एक कोशीश ... यू बातो की बात मत करो ,जरा सुनो , चिल्ला-२ कर कुछ कहते खून के निशान मेंरे , सियासत से कुछ उठो थोड़ा खुदगर्जों , देखो सुनो ,समझो, हे यहा खानदान मेरे तुम जिंदा होकर नही सुनते हो , मरने के बाद भी चीख सुनते कान मेरे, आज शहादत ,कल हुए कुछ शदीद साथी जवान मेरे क्यु हे आ ज भी देश में सुनंने में आसान मेंरे आज मै सब कुछ कह ही देता हु , कब तलक दबाउ होठो में जुबान मेरे p@W@n

बात यहा ,इश्क की जाबाजी में हे !!!

बात यहा ,इश्क की जाबाजी में हे , फिर मेंरी जो मुस्कुराहट तेरी खुशमिजाजी में हे मुझे जीतने की यहा कोई चाह नही, मेंरी यु ही जीत तुझसे हारी हर बाजी में हे आज तो इश्क होना लाजमी हे यहा , आज बात तुम से आप ,हा से हा जी में हे तुम्हे फुरसत से देखने की चाह में बेठे , पर माँमला अटका तेरी अदाओ की चालबाजी में हे खवाब हे शायर के ये अब भी के कैसे , मामला उल्झा अभी भी ना ओर कभी राजी में हे