ज़िदगी हिसाब लगाने लगी हे तेरे चाहने वाले कितने हे!!!!
ज़िदगी हिसाब लगाने लगी हे तेरे चाहने वाले कितने हे, हालात मजबूरी मे तुझको अपना बताने वाले कितने हे !!!!! ...................................... पीठ के पीछे बहुत खेल हे यहा, देखो आख से आख मिलाने वाले कितने हे!!! हा तजुरबे तो चाहिए ही ज़िदगी के, जान चिगारी से आग लगाने वाले कितने हे एक जुनून एक शोक हे ज़िदगी दीवानो का, यहा देख करने वाले कितने, बहाने वाले कितने हे रास्ते से अक्सर भटक जाते हे मुसाफिर, रास्ता देखाने वाले ओर भटकाने वाले कितने हे, सच मे कितने हे साथी दिल के, पहचान ये भी इस दिल को आजमाने वाले कितने हे p@W@n