कोई शायर होगा फ़िर शायरी कही खवाब होगा, किसी की सासो मे दफन होने को दिल बेताब होगा कोई सभाल के रख पायेगा यहा खुद को, अगर इन महफिलो मे वही गुलाब वही शबाब होगा वो भी चलते हे ,हम चलते हे एक उम्मीद पर, कभी कही हमारी हर कोशीशो का हिसाब होगा, सो हू यू उल्झे रहेगे हम हर दफा क्या, ये ज़िदगी के सवालो का कभी कही जवाब होगा मुमकिन कर सब बदलना होगा, वक्त तेरा हे जो सब बेमीसाल ओर लाजवाब होगा