टूटे ख्वाब
टूटे अनेको ख़्वाब में एक ख़्वाब की गिरफ्तारी ज्यादा है कुछ तो अभी भी मेरे दरमियान, तुझसे यारी ज्यादा है अब खुद के दम पर संभल जाने की फितरत हे मेरी समझा हु बस ,ये पहली दफा दिल देने की उधारी ज्यादा है ऐसा भी नहीं मेरे दरमियान कोई मोहब्बत है नहीं पर दिल को अभी भी कही न कही तेरी बीमारी ज्यादा है जरा और हौसलों से चलना होगा यहां मुझे हर दरमियान मुझे ये तो समझ आ ही गया हे तुफानो की तैयारी ज्यादा है Written by Pawan Gupta
Ahtisham Qureshi
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