तेरी खामोशी ,तेरी बेवफाई बयान करती हे,
गर आपको है झूठ के मीठेपन से मुहब्बत है, तो हमारा क़सूर
है कि हम सच का कड़वापन बेँचते हैं..
................................................. ............
बदलना पड़ेगा अगरर खुद को बचाना हे
झूठा, जालसाज़ ,बेखबर ये जमाना हे,
तेरी खामोशी ,तेरी बेवफाई बयान करती हे,
तू ये मत कह कितना पागल ये दिवाना हे,
ये जमाना वो हे जो हमे इश्क सीखाता हे,
जिनका काम इश्क का नाम लेकर दिल बहलाना हे,
फूरसत से बताएगे कभी तेरे चहेरे को पढकर,
तेरे दिल मे क्या छूपा केसा ये अफ़साना हे!!!!
p@W@n
है कि हम सच का कड़वापन बेँचते हैं..
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बदलना पड़ेगा अगरर खुद को बचाना हे
झूठा, जालसाज़ ,बेखबर ये जमाना हे,
तेरी खामोशी ,तेरी बेवफाई बयान करती हे,
तू ये मत कह कितना पागल ये दिवाना हे,
ये जमाना वो हे जो हमे इश्क सीखाता हे,
जिनका काम इश्क का नाम लेकर दिल बहलाना हे,
फूरसत से बताएगे कभी तेरे चहेरे को पढकर,
तेरे दिल मे क्या छूपा केसा ये अफ़साना हे!!!!
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